आप एटीएम से कैश निकालते हैं तो आने वाले दिनों में इस्तेमाल के बदले आपको ज्यादा चार्ज देने के लिए तैयार रहना चाहिए। आपको तय फ्री लिमिट के बाद कैश निकालने पर ज्यादा शुल्क चुकाने पड़ सकते हैं। दरअसल, इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, भारत के एटीएम ऑपरेटरों ने नकद निकासी पर ग्राहकों द्वारा भुगतान किए जाने वाले इंटरचेंज शुल्क में बढ़ोतरी के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) से संपर्क किया है।
23 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन करने की डिमांड
खबर के मुताबिक, एटीएम उद्योग परिसंघ या सीएटीएमआई चाहता है कि इस शुल्क को बढ़ाकर अधिकतम 23 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन किया जाए ताकि व्यवसाय के लिए अधिक वित्तपोषण प्रतिबद्धता सुनिश्चित हो सके। एक एटीएम निर्माता का कहना है कि इंटरचेंज दर दो साल पहले बढ़ाई गई थी। हम आरबीआई से संपर्क कर रहे हैं और ऐसा लगता है कि वे इसका समर्थन कर रहे हैं। हमने (सीएटीएमआई) शुल्क को बढ़ाकर 21 रुपये करने का रिक्वेस्ट किया है। हालांकि कुछ दूसरे एटीएम निर्माताओं ने इसे बढ़ाकर 23 रुपये करने की मांग की है।
साल 2021 में बढ़ाया गया था इंटरचेंज फीस
एटीएम निर्माता का कहना है कि पिछली बार, इंटरचेंज शुल्क को बढ़ाने में कई साल लग गए थे, लेकिन मुझे लगता है कि सभी लोग एकमत हैं और (शुल्क) वृद्धि होने में बस समय की बात है। खबर के मुताबिक, आरबीआई ने प्रतिक्रिया मांगने वाले ईमेल का जवाब नहीं दिया। साल 2021 में, एटीएम ट्रांजैक्शन पर इंटरचेंज फीस 15 रुपये से बढ़ाकर 17 रुपये कर दी गई। एटीएम इंटरचेंज वह शुल्क है जो कार्ड जारी करने वाले बैंक की तरफ से उस बैंक को दिया जाता है, जहां कार्ड का इस्तेमाल नकद निकालने के लिए किया जाता है। साथ ही, ग्राहक से लिए जाने वाले शुल्क की सीमा को 20 रुपये से बढ़ाकर 21 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन कर दिया गया।
इन शहरों में फिलहाल है ये सुविधा
मौजूदा समय में छह मेट्रो शहरों- बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई और नई दिल्ली के लिए, बैंक अपने सेविंग बैंक अकाउंटहोल्डर को एक महीने में कम से कम पांच मुफ़्त ट्रांजैक्शन की सुविधा देते हैं, जबकि किसी दूसरे बैंक के एटीएम पर तीन ट्रांजैक्शन फ्री हैं।